मां चन्द्रघण्टा : शक्ति के रूप में विराजमान मां चन्द्रघंटा मस्तक पर चंद्रमा को धारण किए हुए है। माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। <br />इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है। नवरात्र के तीसरे दिन इनकी पूजा-अर्चना भक्तों को जन्म जन्मांतर के कष्टों से मुक्त कर इहलोक और परलोक में कल्याण प्रदान करती है। <br />देवी स्वरूप चंद्रघंटा बाघ की सवारी करती है। इसके दस हाथों में कमल , धनुष-बाण , कमंडल , तलवार , त्रिशूल और गदा जैसे अस्त्र हैं। इसके कंठ में सफेद पुष्प की माला और रत्नजड़ित मुकुट शीर्ष पर विराजमान है। अपने दोनों हाथों से यह साधकों को चिरायु आरोग्य और सुख सम्पदा का वरदान देती है। <br /> <br />तंत्र/मंत्र की पूजा/योग साधना में तीसरे दिन का विशेष महत्व है सिंदूर/दर्पण/बिंदी भेट करें (दूध का भोग लगायें) <br />जानिए ज्योतिर्विंद आचार्य सचिन शिरोमणि से <br />इस वीडियो को लाइक और शेयर जरुर करें। <br />धन्यवाद, <br /> <br />To subscribe click this link – <br />https://www.youtube.com/channel/UCDWLdRzsReu7x0rubH8XZXg <br /> <br />If You like the video don't forget to share with others & also share your views <br />Website : http://www.totalbhakti.com <br />Google Plus : https://plus.google.com/u/0/+totalbhakti <br />Facebook : https://www.facebook.com/totalbhaktiportal/ <br />Twitter : https://twitter.com/totalbhakti/ <br />Linkedin : https://www.linkedin.com/in/totalbhakti-com-78780631/ <br />Dailymotion - http://www.dailymotion.com/totalbhakti